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शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

नहीं चाहिए मुझे बेटियां


मुझे नहीं चाहिए बेटियां ?
क्या जरुरत है ,मुझे बेटी की ,
मिल गयी माँ यही काफी है
मिल गयी   पत्नी यही काफी है ,
इसी तरह मिल जाएँगीं,
मेरे बेटों को भी बहुए ,तभी तो
नहीं चाहिए मुझे बेटियां
हे  प्रभु  सभी को देना एक एक बेटी
पर मुझे नहीं  ,"तांकि"
तांकि  कह सकूँ लोगों से
बेटी बचाओ -बेटी बचाओ
लगा सकू यही रट हर जगह
भाषण में, टीवी पर, अख़बार में पर
नहीं चाहिए मुझे बेटियां
नहीं बन सकता मै
देखा दुनी का अमिताभ
(क्या आप मेरी इस सोच को बदल सकते हैं  उपाय जरुर बताये )
*मित्रो क्षमा करे मन की बात रखने को रचना को शीर्षक नकारात्मक देना पड़ा =क्योंक़ि कुछ  दहेज़  से  डरे लोग यही सोचते भी है तो कुछ बेटियों को बोझ समझ पैदा करने वाले भी सोचते है यह बोझ जितनी जल्दी उतारे अच्छा ,"वसे मेरी एक राय है क़ि बेटी का रिश्ता करना है है तो लड़का क्या करता है ,उसका   ख़ानदान कैसा है  क्या आदते है उसकी ये तो देखें ही पर इन सबसे जरुरी एक बात और देखें क़ि ससुराल में बेटी क़ि कोई ननद भी है क़ि नहीं कसम खा लीजिए जहाँ ननद  नही है वहां बेटी का रिश्ता नहीं करेगे बस फिर सभी एक सुर में कहेंगे मुझे बेटी चाहिए क्योकि मुझे बहु  भी चाहिए ------मलकीत सिंह" जीत "
बंडा शाहजहाँ पुर
9918826316

24 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्छी और मन को झकझोरने वाली कविता कही आप ने .....

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  2. वाह ...बहुत ही भावमय करते शब्‍दों का संगम

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  3. विचारणीय पोस्ट!
    अंग्रेजी का शब्द पुष्टिकरण तो हटाइए। तभी तो कमेंट आयेंगे,
    वरना कोई इतने झमेले में क्यों पड़ेगा?
    लोग आयेंगे और पोस्ट पढ़कर निकल जाएँगे!

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  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  5. हर एक शब्द दिल को छू गई! बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! बधाई!

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  6. आदरनीय अवन्ती सिंह जी सदा जी शास्त्री जी प्रेम जी बबली जी आप सभी हौसला बढ़ने इस मंच पर आये, आभार
    आगे भी आपकी प्रतीक्षा रहेगी

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  7. हमारे समाज की मानसिकता आपने बखूबी पेश की है!...बहुत बहुत बधाई!

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  8. सकारात्मक सन्देश देती पोस्ट .औरत मर्द का विषमतर होता अनुपात एक दिन समाज को रोक कर पूछेगा -इस दश्त में एक शहर था वो क्या हुआ ..........

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  9. आपने लोगों की मानसिकता का सही सही चित्रण किया
    अच्छी रचना बधाई

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  10. आदरनीय सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद

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  11. सकारात्मक प्रयास। सराहनीय

    काश हम सब इस गंभीर मसले पर ईमानदारी से सोचें...

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  12. Malkitsinghji,aapke tippadi form men hindi translitraton kam nahin kar rha hae

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  13. सकारात्मक प्रयास. एक अच्छी मुहीम. शुभकामनायें.

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  14. बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना!

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  15. मैं तो कहती हूं जिसे नहीं चाहिए बेटी, उसे न ही दो, न बेटी, न बहू

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  16. sarahniya aur sarthak prayas ke liye aapko bahut bahut badhai
    bahut bahut bahut umda rachna
    aabhar

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  17. सकारात्मक और भावपूर्ण रचना.
    बहुत बहुत बधाई.

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  18. बिटिया रानी

    मत कराइये फिर एहसास
    किस सुख से मन वंचित है
    एक कसक; घनीभूत पीड़ा
    ह्रदय में मेरे संचित है !

    यूँ तो भरा-पूरा है जीवन, संसार मेरा
    सपूतों की जननी, मस्तक गर्वित मेरा
    पायल की रुनझुन,कुमकुम,कज़रे की धा
    हाथों पर मेहंदी, खूब करती उसका श्रृंगार.....


    नैनों में सपन सँजोए
    बाट जोहे प्रसूता
    विधि आँख-मिचौनी खेले
    मन रह जाए बस रीता !

    कहीं गर्भ में दस्तक दे
    जब प्यारी बिटिया रानी
    भ्रूण-हत्या को बेबस, मूक
    जुल्म सहती, अबला नारी ?


    ना ढांपो इस कुरूपता, इस कलुष को
    आवाज़ दो अपने विवेक, संवेदना को
    मत घोटो साँसे, जन्म से पहले बेटी की
    वही बनेगी सुनीता विलियम्स, वही किरण बेदी !
    -सुशीला श्योराण

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  19. like the title
    मुझे नहीं चाहिए बेटियां ?
    क्या जरुरत है ,मुझे बेटी की

    thoughtful poem

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  20. nadan hain wo log jo beti nahi chahte beti ke bina to jindgi adhuri hoti hai.

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  21. I appreciate your thougts.
    betiyon ko kokh me marna bhut aasan hai par logo use paalna bhut mushkil lagta hai.. shayad ye hamari sadiyo se chali aa rhi paramparao ka natija hai...

    pls keep writing... Thanks

    http://anuragisuman.blogspot.com/2011/11/blog-post.html

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