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शनिवार, 19 नवंबर 2011

सबसे प्यारी -- "जान" है तू


सबसे प्यारी -- "जान" है तू

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(photo with thanks from google/net,indianhindu names)

हे ! बिटिया तू कितनी प्यारी

सुन्दर- दिव्य - मूर्ति देवी

निर्मल पावन है गंगा सी

मुट्ठी भर-भर सब लायी

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सूनी कोख - तेरी माता की

पाँच साल - अब भर आयी

चेहरे पर मुस्कान है ऐसी

जाने कौन गड़ा धन पायी

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तू मुस्काती-हम सब खिलते

गोदी दौड़ उठाते

बचपन का सुख सब पाने को

पलकों तुझे बिठाते

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मेरी कल्पना - मेरी प्रतिभा

ममता मेरी- किरण है तू

तू सूरज है -तू चंदा है

आँखों का तारा री तू !

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तू आयी तो जोश बढ़ा रे

ख़ुशी भरी है नयी उमंगें

दौड़ भाग सब काम करें हम

रग रग में जोशीला खून

हवा है रूख में

देखों जैसे - उड़े पतंगे

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हम सब गर्व से शीश उठाते

पुरस्कार जब तू लाती

इतने बच्चों में अव्वल तू

पत्र पत्रिका -फोटो तेरी छप जाती

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बेटी अब पेट्रोल भरे है

बस-गाडी दौडाए

पुलिस मिलिट्री की कमान ले

भ्रष्टाचार मिटाए

झाँसी की रानी सी चमके

वायुयान उडाये

देश की बागडोर तू थामे

विश्व पटल पर छाये

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बेटी -बहना -वधू या माता

दुर्गा -काली -कितने रूप

जगजननी है- जग कल्याणी

ज्योति तू है - रूप अनूप

विद्या -लक्ष्मी -सरस्वती तू

शत शत नमन हे ! बिटिया रानी

सब से प्यारी -"जान " है तू

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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर

.००-.२० पूर्वाह्न

२०.११.२०११ यच पी

20 टिप्‍पणियां:

  1. बेटियों को सम्मानित कराती बहुत ही सुन्दर रचना है..

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  2. वाह भ्रमर जी वाह , शब्द चयन व् चित्र चयन दोनों ही अद्भुद मन व् आँखों को ठंडक देने वाले

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  3. हम लोगों का इस ब्लॉग पर आकर हौसला बढ़ने हेतु Reena Maurya जी dheerendra जी एवं प्रेम सरोवर जी आप सभी का आभार

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  4. रीना जी अभिवादन ...काश बेटियों के सम्मान में जैसा आप ने सोचा सभी माँ बाप ऐसा सोचें ..आभार आप का
    भ्रमर ५

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  5. प्रेम सिंह जी जय श्री राधे ...आप का समर्थन मिला ख़ुशी हुयी आइये अपना सब का प्रयास जारी रखें बेटियों को मान दें
    भ्रमर ५

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  6. आदरणीय धीरेन्द्र जी जय श्री राधे ...रचना आप के मन को छू सकी ख़ुशी हुयी आइये अपना सब का प्रयास जारी रखें बेटियों को मान दें
    भ्रमर ५

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  7. आदरणीय मलकीत भाई आप के इस सुन्दर प्रयास और यज्ञं में हम कुछ कर सके तो ख़ुशी होगी मन को ...रचना आप के मन को छू सकी ख़ुशी हुयी
    आइये अपना सब का प्रयास जारी रखें बेटियों को भरपूर मान दें
    भ्रमर ५

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  8. आदरनीय पण्डे जी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद

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  9. प्रिय बबन पाण्डेय जी अभिवादन ..बहुत सुन्दर कहा आप ने बेटियाँ अनमोल रत्न हैं-------- बिना इनके हम कहाँ ?? सुंदर
    भ्रमर ५

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  10. दुर्भाग्यवश मुझे "लक्ष्मी" प्राप्ति ना हो सकी इस अपवंचित सुख को पाने के प्रयास यहाँ वर्णित हैं !
    क्या हक़ नहीं है मुझे उपदेश देने का ???
    http://www.swasasan.in/

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  11. बेटी -बहना -वधू या माता
    दुर्गा -काली -कितने रूप.anmol vachan.

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  12. चित्र व कविता दोनो ही सुंदर.
    बेटियों से घर में होती है रौनक
    बेटों से होती है सुरक्षा
    बेटी बेटा दोनों समान हैं
    यही है सच्ची शिक्षा ।

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  13. प्रिय चर्चित चित्तरांश जी , निशा महराना जी और आशा जोगलेकर जी आप सब का बहुत बहुत आभार ....बेटियों के सम्मान और प्यार में ये आप के अनमोल वचन निश्चय ही समाज को एक सुनहरी मार्ग बनाने को प्रेरित करेंगे
    भ्रमर ५

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  14. बहुद सुन्दर भावपूर्ण रचना ..बेटियाँ प्रकृति की सलोनी मुस्कान....

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  15. बेटियाँ ही घर की नहीं बल्कि पूरे देश की आन बान और शान है बहुत ही सुंदर रचना शुभकामनायें

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  16. बेटियाँ अब कम रही कहाँ सर जी
    आज़ का बाप बेटियों पर गर्व करता है

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  17. प्रिय श्री प्रकाश जी नवीन जी पल्लवी जी आप सब का बेटियों के मान में समर्थन बहुत अच्छा लगा सुन्दर विचार काश सब आप सब जैसे ही हों ऐसा ही सोचें तो आनंद और आये
    भ्रमर 5

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