अभागन
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पैदा हुयी तो माँ मर गयी ?
बाप लापता --
कूड़े में फेंक दी गयी
किसी ने उठाया
मंदिर की सीढ़ी पे लिटाया
भिखारन ले गयी
नटिनी बनाई
रस्सी पे दौडाई
किसी को उसकी
कला पसंद आई
बेंच दी गयी
सर्कस में आयी
भीड़ बढ़ाई
इनाम पायी
शादी रचाई
अमेरिका आई
पढ़ी -पढाई
उड़ान भरी ----
नाम कमाई देश का
टी. वी. न्यूज में छाई
स्वर्णाक्षरों में
अपना नाम लिखाई
अपने कर्म से
हर जंग जीत के
दिखाई -सिखाई -
भाग्य बनाती हैं -बेटियाँ
खुद का -घर परिवार का
समाज-देश का
भाग्य है !!
उसकी शोध अभी जारी है
कुछ और कर गुजरने की तैयारी है
(सभी फोटो गूगल / नेट से साभार लिया गया )
हिंदुस्तान आई है
खोज रही है
नामोनिशान ----
घर -ठिकाना
अपनी प्यारी माँ -
पूजनीय बाप का
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शुक्ल भ्रमर ५
१.५२-२.२० पूर्वाह्न
२४.११.११ -यच पी
सुरेन्द्र जी,..क्या बात है,
जवाब देंहटाएंबेटियाँ बोझ नही वरदान बनेगी
बेटियाँ बेटा बनकर अहसान करेगी
बेटियाँ बेटों से किसी तरह कमतर नही,
कल्पना चावला बनकर भारत का मान करेगी,..
सुंदर रचना, प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी.,
welcome to my post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....
ज़िंदगी के सरोकारो के संघर्ष को नए अर्थों में बयान करने की कोशिश
जवाब देंहटाएंपढ़कर अच्छा लगा ,बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसार्थक आलेख है
मंदिर की सीढ़ी पे लिटाया
जवाब देंहटाएंभिखारन ले गयी
नटिनी बनाई
रस्सी पे दौडाई
किसी को उसकी
कला पसंद आई
बेंच दी गयी
सर्कस में आयी
भीड़ बढ़ाई
इनाम पायी
दिल को छु लेने वाली रचना के लिया बधाई व् धन्यवाद
आदरणीय धीरेन्द्र जी , मनोज जी, संगीता जी और मलकीत भाई आप की अनूठी और सार्थक प्रतिक्रियाओं के लिए आभार ..
जवाब देंहटाएंबेटियों के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया आप सब ने हम आप के आभारी हैं
भ्रमर ५