चित्र से काव्य प्रतियोगिता अंक -१५ (OBO)
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बिटिया रानी खिली कली सी
सागर चीरे- परी सी आई
बांह पसारे स्वागत करती
जन मन जीते प्यार सिखाई !
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कदम बढ़ाओ तुम भी आओ
धरती अम्बर प्रकृति कहे
गोद उठा लो भेद भाव खो
सोन परी हिय मोद भरे !
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हहर-हहर मन ज्वार सरीखा
चन्दा को अपनाने दौड़ा
कहीं न मुड़ जाए 'पूनम' सा
नैन हिया भर सीपी -मोती पाने दौड़ा !
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बिना कल्पना ,बिन प्रतिभा के
लक्ष्मी कहाँ ? रूठ ना जाए
आओ प्यारे फूल बिछा दें
चरण 'देवि' के नेह लुटाएं !
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ये अद्भुत मुस्कान- धरा की
दर्द व्यथा कल से हर लेगी
सोन चिरइया -नदी दूध की
कल्प-वृक्ष बन वांछित फल देगी !
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर ५ '
कुल्लू यच पी १९.६.२०१२
मनोभावों का सुंदर संम्प्रेषण,,,,
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...
आदरणीय धीरेन्द्र जी आभार आप का प्रोत्साहन हेतु ..आइये बेटियों के स्वागत का मार्ग प्रशस्त करते बढे चलें ...
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
बेटियों के मन को समझाती सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंबिटिया रानी खिली कली सी
जवाब देंहटाएंसागर चीरे- परी सी आई
बांह पसारे स्वागत करती
जन मन जीते प्यार सिखाई !
kash ki bitiyaa rani kali si khil paye ...!!
आदरणीया आशा जोगलेकर जी बेटियों के सम्मान में लिखी ये रचना आप की ह्रदय को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की हार्दिक बधाई आप सपरिवार तथा मित्र मण्डली को भी ...
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
आदरणीया हरकीरत जी ...बिलकुल सच कहा आप ने थोडा ज्यादती तो हो ही रही है बेटियों के साथ उसे ही तो बचाना है जागरूकता फैलाना है ...आती तो खिली कलि सी ही हैं काश हम उनका लालन पालन प्यार से करें सदा खिलें पुष्प सी ,,,,,,,,,बेटियों के सम्मान में लिखी ये रचना आप की ह्रदय को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की हार्दिक बधाई आप सपरिवार तथा मित्र मण्डली को भी ...
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
सुरेंद्र जी बहुत ही सुन्दर पंक्तियां है। बहुत ही खूबसूरत तरीके से आपने बेटियों के प्यार को संजोया है आप ऐसी ही खूबसूरत कविताएं हिंदी में बहुत ही आसान तरीके से शब्दनगरी पर भी लिख सकते हैं वहां पर भी बेटियां जैसी रचनाएं आप पढ़ व लिख सकते हैं।
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