दुःख की बात है के दुनिया में जीवित रहने के संसाधन सीमित है इनका दोहन हम कितना भी कर ले ऐसे में जनसँख्या सात अरब को पार करने पर खुश होने के कौन से कारण है? हा एक बात पर थोड़ी ख़ुशी जरुर जाहिर की सकती है जिसका जिक्र आज के किसी भी अख़बार या समाचार चैनल ने नहीं किया वो बात ये है के आज के लड़का लड़की अनुपात में आती कमी के बीच जिन तीन बच्चों को सात अरबवां बच्चा घोषित किया गया है उनमे से दो प्यारी बेटियां है जो की वास्तव में ख़ुशी मानाने का एक करण हो सकता है
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रक्त दान महा दान
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सोमवार, 31 अक्तूबर 2011
जनसँख्या सात अरब को पार करने पर खुश होने के कौन से कारण है?
दुःख की बात है के दुनिया में जीवित रहने के संसाधन सीमित है इनका दोहन हम कितना भी कर ले ऐसे में जनसँख्या सात अरब को पार करने पर खुश होने के कौन से कारण है? हा एक बात पर थोड़ी ख़ुशी जरुर जाहिर की सकती है जिसका जिक्र आज के किसी भी अख़बार या समाचार चैनल ने नहीं किया वो बात ये है के आज के लड़का लड़की अनुपात में आती कमी के बीच जिन तीन बच्चों को सात अरबवां बच्चा घोषित किया गया है उनमे से दो प्यारी बेटियां है जो की वास्तव में ख़ुशी मानाने का एक करण हो सकता है
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