इस ब्लॉग पर लड़के लडकियों के अनुपात में आते अंतर को रेखांकित करती कहानिया ,लेख ,समाचार ,या सुझाव ,चित्र आदि आमंत्रित है ब्लॉग में सहयोगी(रचनाकार ) की भूमिका में भी आपका स्वागत है जिसके लिए टिपण्णी में जाकर अपनी प्रतिक्रिया के साथ अपना इ मेल आई डी भी छोड़े इस यज्ञ में आपके सहयोग रूपी आहुतियां अति आवश्यक हैं मलकीत सिंह जीत
रक्त दान महा दान
लिखिए अपनी भाषा में
मंगलवार, 19 जून 2012
सोन परी हिय मोद भरे !
मंगलवार, 10 अप्रैल 2012
मेरे घर आओ चिड़िया रानी
मंगलवार, 31 जनवरी 2012
अभागन
अभागन
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पैदा हुयी तो माँ मर गयी ?
बाप लापता --
कूड़े में फेंक दी गयी
किसी ने उठाया
मंदिर की सीढ़ी पे लिटाया
भिखारन ले गयी
नटिनी बनाई
रस्सी पे दौडाई
किसी को उसकी
कला पसंद आई
बेंच दी गयी
सर्कस में आयी
भीड़ बढ़ाई
इनाम पायी
शादी रचाई
अमेरिका आई
पढ़ी -पढाई
उड़ान भरी ----
नाम कमाई देश का
टी. वी. न्यूज में छाई
स्वर्णाक्षरों में
अपना नाम लिखाई
अपने कर्म से
हर जंग जीत के
दिखाई -सिखाई -
भाग्य बनाती हैं -बेटियाँ
खुद का -घर परिवार का
समाज-देश का
भाग्य है !!
उसकी शोध अभी जारी है
कुछ और कर गुजरने की तैयारी है
(सभी फोटो गूगल / नेट से साभार लिया गया )
हिंदुस्तान आई है
खोज रही है
नामोनिशान ----
घर -ठिकाना
अपनी प्यारी माँ -
पूजनीय बाप का
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शुक्ल भ्रमर ५
१.५२-२.२० पूर्वाह्न
२४.११.११ -यच पी
बुधवार, 28 दिसंबर 2011
बेटी और पेड़....
बेटी और पेड़....
शुक्रवार, 25 नवंबर 2011
नहीं चाहिए मुझे बेटियां
मुझे नहीं चाहिए बेटियां ?
क्या जरुरत है ,मुझे बेटी की ,
मिल गयी माँ यही काफी है
मिल गयी पत्नी यही काफी है ,
इसी तरह मिल जाएँगीं,
मेरे बेटों को भी बहुए ,तभी तो
नहीं चाहिए मुझे बेटियां
हे प्रभु सभी को देना एक एक बेटी
पर मुझे नहीं ,"तांकि"
तांकि कह सकूँ लोगों से
बेटी बचाओ -बेटी बचाओ
लगा सकू यही रट हर जगह
भाषण में, टीवी पर, अख़बार में पर
नहीं चाहिए मुझे बेटियां
नहीं बन सकता मै
देखा दुनी का अमिताभ
(क्या आप मेरी इस सोच को बदल सकते हैं उपाय जरुर बताये )
*मित्रो क्षमा करे मन की बात रखने को रचना को शीर्षक नकारात्मक देना पड़ा =क्योंक़ि कुछ दहेज़ से डरे लोग यही सोचते भी है तो कुछ बेटियों को बोझ समझ पैदा करने वाले भी सोचते है यह बोझ जितनी जल्दी उतारे अच्छा ,"वसे मेरी एक राय है क़ि बेटी का रिश्ता करना है है तो लड़का क्या करता है ,उसका ख़ानदान कैसा है क्या आदते है उसकी ये तो देखें ही पर इन सबसे जरुरी एक बात और देखें क़ि ससुराल में बेटी क़ि कोई ननद भी है क़ि नहीं कसम खा लीजिए जहाँ ननद नही है वहां बेटी का रिश्ता नहीं करेगे बस फिर सभी एक सुर में कहेंगे मुझे बेटी चाहिए क्योकि मुझे बहु भी चाहिए ------मलकीत सिंह" जीत "
बंडा शाहजहाँ पुर
9918826316
शनिवार, 19 नवंबर 2011
सबसे प्यारी -- "जान" है तू
सबसे प्यारी -- "जान" है तू
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(photo with thanks from google/net,indianhindu names)
हे ! बिटिया तू कितनी प्यारी
सुन्दर- दिव्य - मूर्ति देवी
निर्मल पावन है गंगा सी
मुट्ठी भर-भर सब लायी
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सूनी कोख - तेरी माता की
पाँच साल - अब भर आयी
चेहरे पर मुस्कान है ऐसी
जाने कौन गड़ा धन पायी
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तू मुस्काती-हम सब खिलते
गोदी दौड़ उठाते
बचपन का सुख सब पाने को
पलकों तुझे बिठाते
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मेरी कल्पना - मेरी प्रतिभा
ममता मेरी- किरण है तू
तू सूरज है -तू चंदा है
आँखों का तारा री तू !
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तू आयी तो जोश बढ़ा रे
ख़ुशी भरी है नयी उमंगें
दौड़ भाग सब काम करें हम
रग रग में जोशीला खून
हवा है रूख में
देखों जैसे - उड़े पतंगे
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हम सब गर्व से शीश उठाते
पुरस्कार जब तू लाती
इतने बच्चों में अव्वल तू
पत्र पत्रिका -फोटो तेरी छप जाती
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बेटी अब पेट्रोल भरे है
बस-गाडी दौडाए
पुलिस मिलिट्री की कमान ले
भ्रष्टाचार मिटाए
झाँसी की रानी सी चमके
वायुयान उडाये
देश की बागडोर तू थामे
विश्व पटल पर छाये
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बेटी -बहना -वधू या माता
दुर्गा -काली -कितने रूप
जगजननी है- जग कल्याणी
ज्योति तू है - रूप अनूप
विद्या -लक्ष्मी -सरस्वती तू
शत शत नमन हे ! बिटिया रानी
सब से प्यारी -"जान " है तू
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
८.००-८.२० पूर्वाह्न
२०.११.२०११ यच पी